आँखें खुलीं इस आशा में कि आज प्रशंसा प्राप्त होगी|
बहुत प्रतीक्षा के बाद कुछ तो आज प्रशंसा प्राप्त होगी|
हर लिखनेवाले के जीवन का यही सहारा है कि
आज कविता पढ़ी जाएगी, आज प्रशंसा प्राप्त होगी||
यह कृति उमर बहुभाषीय रूपांन्तरक की मदद से देवनागरी में टाइप की गई है|
बहुत प्रतीक्षा के बाद कुछ तो आज प्रशंसा प्राप्त होगी|
हर लिखनेवाले के जीवन का यही सहारा है कि
आज कविता पढ़ी जाएगी, आज प्रशंसा प्राप्त होगी||
यह कृति उमर बहुभाषीय रूपांन्तरक की मदद से देवनागरी में टाइप की गई है|
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